विवादों के लिए क्रिकेट के इतिहास में सदा जीवित रहेगा 23 साल पहले हुआ 1996 का विश्वकप

क्रिकेट के इतिहास में 1996 का विश्वकप सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना था। कुछ खास वजहों से इस विश्वकप की ज्यादातर खबरें अखबारों और न्यूज चैनल्स की हैडलाइंस रहीं। इस दौरान हुईं कुछ घटनाओं ने आलोचकों और क्रिकेट प्रेमियों को एक ही तरह से सोचने पर मजबूर कर दिया था। 1996 के विश्वकप में कुछ मैचों के परिणाम बिना खेले ही तय कर दिए गए थे, जबकि एक मैच को दर्शकों की नाराजगी की वजह से रोक दिया गया था। इन सबके बाद 23 साल पहले श्रीलंका ने 1996 का विश्वकप जीता। हालांकि, श्रीलंका को विश्वकप जिताने में कुछ उन टीमों को भी श्रेय देना चाहिए, जिन्होंने उसे फाइनल में जगह बनाने में मदद की। आइए जानते हैं किन विवादों की वजह से 1996 का विश्वकप क्रिकेट के इतिहास में सदा जीवित रहेगा।

तीन देशों ने की विश्वकप की मेजबानी

1996 का विश्व कप वास्तव में तीन देशों भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें 12 टीमों ने भाग लिया था। इनमें से तीन टीमें संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड और केन्या ऐसी थी, जिन्होंने पहली बार विश्वकप में कदम रखा था। टीमों को 2 समूहों में बांटा गया था। प्रत्येक समूह में छह टीमें रखी गई थीं। विश्वकप के शुरुआती मैच तो बिना विवाद के हुए लेकिन असली दिक्कत तब शुरू हुई, जब मैचों की मेजबानी करने की बारी श्रीलंका की आई।

ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ने मैच न खेलकर पहुंचाया श्रीलंका को फायदा

तय कार्यक्रम के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज को श्रीलंका के खिलाफ अपने ग्रुप मैच खेलने थे। वहीं, विश्वकप से कुछ दिन पहले, तमिल प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका में 90 लोगों की हत्या कर दी थी। श्रीलंका में गृहयुद्ध जैसे आसार थे। सुरक्षा वजहों से ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ने श्रीलंका में मैच खेलने से मना कर दिया था। इसका फायदा सीधे तौर पर श्रीलंका को मिला। बिना मैच खेले ही दोनों मैचों के अंक श्रीलंका के खाते में चले गए। इस वजह से ग्रुप में श्रीलंका टॉप पर आ गया।

दर्शकों ने विरोधकर मैच रुकवा दिया और श्रीलंका को फाइनल में पहुंचा दिया

ग्रुप में टॉप पर पहुंचने के बाद एक और मैच ने श्रीलंका की राह विश्वकप के फाइनल के लिए आसान कर दी। श्रीलंका और इंग्लैंड के बीच फाइनल मुकाबला कोलकाता के ईडेन गार्डन मैदान में हुआ। जैसे ही मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम हार के करीब पहुंचने लगी तो दर्शकों ने विरोध करना शुरू कर दिया। दर्शकों ने खिलाड़ियों पर बोतलें फेंकीं और स्टेडियम में आग लगा दी। इसके बाद मैच को रोककर श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया गया। इस तरह श्रीलंका बिना संघर्ष किए ही फाइनल में पहुंच गया।

…और सात विकेट से विश्वकप जीत गया श्रीलंका

श्रीलंका का फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मुकाबला हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 241 रनों का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। जवाब में श्रीलंका ने तीन विकेट के नुकसान पर ही जीत हासिल कर ली। इस मैच के हीरो अरविंद डिसिल्वा रहे, जिन्होंने शतक लगाने के साथ गेंदबाजी में तीन विकेट भी झटके।

विवाद से भरे और श्रीलंका के पक्ष में गई परिस्थितियों वाले विश्वकप को 2019 में 23 साल हो गए हैं। अब दर्शकों को यही उम्मीद होगी कि 2019 का विश्वकप शांति और बिना विवादों के गुजरे।

क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 अंक तालिका (Ank Talika), न्यूज़, टाइम टेबल, लाइव स्कोर स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी पर पाएं

Leave a Comment

Exit mobile version